ताजा ख़बरें

दरगाह का फाटक खुलते ही उमड़े जायरीन खुटहन…

गौसपीर की दरगाह का फाटक शुक्रवार की रात खुलते ही दरगाह शरीफ पर जायरीन मत्था टेकने के लिए उमड़ पड़े

दरगाह का फाटक खुलते ही उमड़े जायरीन

खुटहन

 

दरबारे कादरिया गौसपीर की दरगाह का फाटक शुक्रवार की रात खुलते ही दरगाह शरीफ पर जायरीन मत्था टेकने के लिए उमड़ पड़े। इसी के साथ उर्दू माह के रवी उस्मानी के ग्यारहवें से पड़ने वाला साप्ताहिक उर्स का प्रारंभ हो गया।

जनपद मुख्यालय से 25 किमी पश्चिम में स्थित गौसपुर गांव के बारे में कहावत है कि इजरत शाह मोहम्मद उमर और इजरत शाह नगीना दोनों भाई लगभग आठ सौ वर्ष पूर्व इजारत के लिए बगदाद शरीफ गये थे। जहां से उन दोनो ने एक ईंट लाया था। गौसपुर में उन्हें रात्रि विश्राम के दौरान स्वप्न में वरसात हुई कि ईंट को इसी जगह एक रौजा की तामीर करके नस्ब कर दिया जाय, ताकि इस ज़मीन पर भी बगदाद शरीफ की तरह गौस पाक फैज का चश्मा जारी रहे।

यही पाक ईंट दरगाह की गुंबद के स्थित छोटे से कुब्बे में नश्ब है। जहां जायरीन मत्था टेककर मिन्नतें मुरादें करते हैं। दरगाह के द्वार के दक्षिण तरफ शाह मोहम्मद और शाह नगीना की मजार बनी है। यहां भी लोग चादर चढ़ाते हैं। दरगाह पर प्रत्येक सप्ताह गुरुवार को अकीदत मंद पहुंचते हैं।

fcd0e242-3252-4b0c-ad36-b6e564885a24
IMG-20220825-WA0023
Picsart_22-10-26_18-35-03-564
Picsart_22-10-27_17-54-11-137

 

Report parvej alam

Related Articles

Back to top button