तीन ट्रेन आपस में टकराई यह पहली बार है भारतीय इतिहास का यह दूसरा सबसे बड़ा ट्रेन हादसा…
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लोकेशन कानपुर
रिपोर्टर आमिर खान
कानपुर ब्यूरो चीफ
कवच को लगाने एवं संचालित करने का खर्च प्रति किलोमीटर 50 लाख रुपए है। इससे 160 किमी रफ्तार की ट्रेन भी रुक जाएगी अगर उसकी पटरी पर कोई दूसरी ट्रेन खड़ी है। क्योंकि यह मूवमेंट अथॉरिटी के कंटीन्युअस अपडेट के सिद्धांत पर काम करती है। इस प्रणाली में हाई फ्रिक्वेंसी के रेडियो कम्युनिकेशन का प्रयोग किया गया।
लेकिन बालासोर में सब फेल हो गया। एक दो नहीं बल्कि तीन ट्रेन आपस में टकरा गई। यह पहली बार है जब तीन ट्रेनें आपस में टकराई। भारतीय इतिहास का यह दूसरा सबसे बड़ा ट्रेन हादसा है। इसके पहले 6 जून 1981 को बिहार में तूफान के चलते एक ट्रेन नदी में गिर गई थी, तब 800 लोगों की मौत हुई थी।
फिलहाल रेल मंत्री जी पहली बार टीवी पर फुल फ्रेम हैं। वही बताएं कि इस हादसे के जिम्मेदार लोग कौन हैं। किसे हादसे का दोषी माना जाए