हेल्थ

विश्व एड्स दिवस के अवसर पर रैली का किया आयोजन…

Latest news/ताज़ा तरीन खबरें

*विश्व एड्स दिवस के अवसर पर रैली का किया आयोजन*

एड्स से बचाव को लेकर डीडीयू अस्पताल में निकाली रैली, सतर्कता बरतने का दिया संदेश

इंजेक्शन से नशा करने वाले अधिक एचआईवी पॉजिटिव : सीएमओ

जरा सी लापरवाही जीवन पर पड़ सकती है भारी : नोडल अधिकारी

अलीगढ़, 01 दिसम्बर 2022। राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत जिले में गुरुवार को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण महेन्द्र कुमार की अध्यक्षता में विश्व एड्स दिवस के अवसर पर एक गोष्ठी एवं रैली का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के माध्यम से एड्स जैसी खतरनाक बीमारी के प्रति जागरुक किया गया। कार्यक्रम का संचालन जिला पीपीएम समन्वयक डेविड कुमार शाही ने किया।
इस दौरान जिला विधिक सेवा प्राधिकरण महेन्द्र कुमार ने बताया कि एड्स के प्रति लोगों को जागरूक किया जाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि सावधानी और बचाव ही एड्स से छुटकारा पाने का एक मात्र उपाय है। उन्होंने बताया कि एचआइवी किसी को भी हो सकता है। हमें पीड़ितों की उपेक्षा नहीं करनी चाहिए।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. नीरज त्यागी ने कहा कि हर व्यक्ति को एड्स की जानकारी होनी चाहिए और अपने घर के सदस्यों के साथ भी एड्स से संबंधित जानकारी साझा करनी चाहिए। ऐसा करके इस रोग से आसानी से बचा जा सकता है। उन्होंने बताया कि एक दिसम्बर को विश्व एड्स दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य यह है कि समुदाय में इस रोग के प्रति जानकारी देना और जागरूक करना। जिससे कि एड्स जैसी खतरनाक बीमारी से बच सकें। सीएमओ ने बताया कि विद्यालयों के माध्यम से भी एड्स जागरूकता की गोष्ठी भी की जा रही हैं और जहां एड्स के रोगी पाए गए हैं उन क्षेत्रों में भी शिविरों का आयोजन किया जा रहा है।

fcd0e242-3252-4b0c-ad36-b6e564885a24
IMG-20220825-WA0023
Picsart_22-10-26_18-35-03-564
Picsart_22-10-27_17-54-11-137

एड्स के नोडल अधिकारी डॉ. अनुपम भास्कर ने कहा कि एचआइवी संक्रमित होने पर शारीरिक क्षमता क्षीण होती जाती है। इसके लक्षण नजर आते ही इलाज शुरू करा देना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर हम अधिकतम जागरूकता का प्रचार करते हुए उसका पूर्ण इलाज किया जाए, तो एड्स से बचाव किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि इंजेक्शन एवं असुरक्षित यौन संबंध से एड्स होने की संभावना अधिक रहती है।

———
जिले में 2470 एचआईवी पाज़िटिव मरीजों का चल रहा है इलाज:

जिला कार्यक्रम समन्वयक सतेन्द्र कुमार ने बताया ने बताया कि जिले में 2470 एचआइवी पाज़िटिव का इलाज चल रहा है। इसमें गत वर्ष 15 लोग पाज़िटिव पाए गए हैं।

टीबी पर्यवेक्षक सलीम अहमद ने कहा कि जिले में शिविर लगाकर एड्स से ग्रसित मरीजों को ढूंढकर उनका इलाज किया जा रहा है।

डीडीयू अस्पताल की काउंसलर जावित्री देवी ने बताया कि अगर गर्भवती मां है तो वह बच्चा होने से पहले एचआईवी टेस्ट जरूर कराये।

अहाना एनजीओ के फील्ड आफिसर जावेद खान बताते हैं कि गर्भवती महिलाओं के प्रसव के दौरान निगरानी अहाना के जरिए की जाती है। साथ ही प्रसव के बाद गर्भवती की प्रति माह काउंसलिंग व एचआईवी जांच भी की जाती है।

कार्यक्रम में जिला पीपीएम समन्वयक पीयूष अग्रवाल, टीबी एचआईवी कोऑर्डिनेटर अरविंद कुमार, वरिष्ठ उपचार पर्यवेक्षक रविंद्र हरकुट व टीबी विभाग के अन्य समस्त कर्मचारी एवं स्वयंसेवी संस्थाएं आदि मौजूद थीं।

Related Articles

Back to top button