
वशिष्ठ पहुंचे दर्शन दरबार राम लक्ष्मण ने किया ताड़का का वध
संवाददाता बिंद्रा बाजार आजमगढ़
उधर चारों तरफ राक्षसों का अत्याचार लगातार बढ़ता रहा तो विश्वामित्र जी ने राजा दशरथ से उनके पुत्रों को मांगने उनके दरबार पहुंच गए जिस पर आज राजा दशरथ ने कहा कि गुरुवर पुत्र तो अभी छोटे हैं अगर कहिए तो हम चल चलें जिस पर विश्वामित्र जी क्रोध में आकर कहने लगे कि अगर मैं नारायण से कहता तो वह भी दौड़े चले आते और तुम्हें अपने पुत्रों को देने में संकोच पैदा हो रहा है वशिष्ट जी के समझाने के बाद अपने पुत्रों को विश्वामित्र के हवाले कर देते हैं और जैसे ही जंगल की तरफ चलते हैं तो अहिल्या रूपी पत्थर सामने दिखाई देती है जिसको राम जी के चरणों की धूल पढ़ते ही पत्थर नारी का रूप ले लेती है और उस स्वर्ग को चली जाती है और आगे बढ़ने के बाद ताड़का नाम की राक्षसी जिसका जंगल में आतंक व्याप्त था चारों तरफ उसकी आवाजें गूंज रही थी जैसे ही विश्वामित्र को खाने के लिए आगे बढ़ी रामचंद्र जी के एक ही वाण से उसकी मृत्यु हो जाती है और उधर पुष्प वाटिका से सीता जी अपनी सहेलियों के साथ घूम रही थी और राम लक्ष्मण जी को धनुष यज्ञ में बुलावा आ जाता है मुख्य अतिथि के रूप में ब्राइट फ्यूचर एकेडमी गंभीरपुर के चेयरमैन वीरेंद्र नाथ पाठक और अमन चाइल्ड केयर बिंद्रा बाजार के डॉक्टर गजेंद्र प्रताप सिंह का रामलीला के अध्यक्ष रूप नारायण उपाध्याय अंग वस्त्र और सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया इस मौके पर सैकड़ों की संख्या में लोग मौजूद रहे
रिपोर्ट नौरंगी प्रजापति