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सीएचसी अतरौली पर 40 टीबी मरीजों को पोषण आहार किया वितरण…

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*सीएचसी अतरौली पर 40 टीबी मरीजों को पोषण आहार किया वितरण*

-टीबी कोई ऐसी बीमारी नहीं जो पकड़ में न आ सके
-अगर दिखाई दें ये लक्षण तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें : सीएमओ

अलीगढ़, 24 सितंबर 2022।

देश को वर्ष 2025 तक क्षय रोग यानि टीबी मुक्त बनाने के लिए हर दिन नए-नए प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत शनिवार को जनपद के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अतरौली पर 40 टीबी मरीजों को गोद लिया गया। गोद लेने वाले श्री जी फर्नीचर, मुकेश ज्वैलर्स, रामा हार्डवेयर, एकता होंडा, दुर्गा मेडिकल स्टोर, अरविंद राठी, डॉ रोहित भाटी, डॉ खालिद खान, डॉ सुंदर सिंह, सचिन कौशिक, सलीम अहमद ने टीबी मरीजों को गोद लेकर सीएमओ की उपस्थिति में पोषण आहार वितरित किया गया।

इस मौके पर सीएमओ डॉ. नीरज त्यागी ने बताया कि टीबी कोई ऐसी बीमारी नहीं जो पकड़ में न आ सके। बस जरूरत है तो थोड़ी जागरूकता की जरूरत है। अगर दिखाई दें ये लक्षण तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें। उन्होंने कहा कि राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की पहल पर जिले में क्षय रोगियों को गोद लेने की व्यवस्था प्रारंभ शुरू हो चुकी है। यह एक बहुत अच्छी पहल है। हम सभी का प्रयास है कि क्षय रोगी भी 2025 तक जल्द स्वस्थ हों। उन्होंने निर्देश भी दिया कि जो लोग क्षय रोगियों को गोद ले रहे हैं वह सभी नियमित फोन कर मरीज या उसके परिजन से हालचाल लेते रहें।

सीएमओ ने कहा कि क्षय रोग एक गंभीर समस्या है लेकिन अब इसका इलाज सभी चिकित्सा स्वास्थ्य इकाइयों पर उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि इससे अब डरने की जरूरत नहीं है। समय से उपचार हो जाने पर यह बीमारी पूरी तरह से ठीक हो जाती है। उन्होंने कहा कि जिला क्षय रोग अधिकारी सुनिश्चित करें कि टीबी मरीज के पते और संपर्क नंबर सही से दर्ज हो। जिससे मरीज से आसानी से संपर्क किया जा सकेगा।
जिला कार्यक्रम समन्वयक सतेन्द्र कुमार ने बताया कि क्षय रोग को तपेदिक या टीबी भी कहा जाता है। इसे प्रारंभिक अवस्था में ही नहीं रोका गया तो यह जानलेवा साबित हो जाता है। इसलिए इनका कहना है कि समय से इलाज शुरू नहीं होने पर यह बीमारी व्यक्ति को धीरे-धीरे मारती है। इसलिए लक्षण महसूस होते ही इलाज शुरू हो जाना चाहिए।

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वरिष्ठ लैब उपचार पर्यवेक्षक सलीम अहमद ने बताया कि जिले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं जिला क्षय रोग अधिकारी आदि के द्वारा 5- 5 टीबी के मरीज गोद लिए गए हैं। जिनको पुष्टाहार तथा आयुष रक्षा किट आदि का वितरण लगातार किया जा रहा है।

-गोद लेने वाले सलीम अहमद ने बताया कि 20 टीबी से ग्रसित मरीजों को गोद लिया है। उनका कहना है कि टीबी से ग्रसित रोगियों के लिए यह एक बहुत अच्छा कदम है। अगर हम सक्षम हैं, तो हम समाज की मदद कर सकते हैं। इसलिए समाज को आगे आकर ज्यादा से ज्यादा क्षय रोगियों को गोद लेना चाहिए।

-लाभार्थी 11 वर्षीय अनुपमा के पिता प्रवेश कुमार ने बताया कि मेरी बच्ची को कुछ समय से परेशानी थी बच्ची का खाना पीना भी कम हो गया था। इस स्थिति को देखते हुए अलीगढ़ स्थित पंडित दीनदयाल जिला संयुक्त चिकित्सालय में दिखाया। डॉक्टर की सलाह पर दिल्ली जाकर उन्होंने प्राइवेट चिकित्सालय में जांच कराई। जांच के दौरान बच्चे के फेफड़ों में पानी पाया गया। डॉक्टर ने बच्चे का ऑपरेशन कर फेफड़ों से पानी निकाला।

ऑपरेशन के बाद भी बच्चे को खाने-पीने की समस्या हो रही थी। डॉक्टर ने सलाह दी कि ब्लॉक अतरौली में ही सीएचसी पर जाकर टीबी का इलाज कराएं। उन्होंने सीएचसी अतरौली के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी खालिद से जानकारी लेकर टीबी का इलाज शुरू किया। उन्होंने बताया कि बच्ची को टीबी की दवाई खाते हुए तीन माह हो चुके हैं।

कार्यक्रम में प्रभारी चिकित्सा अधिकारी खालिद खान, बीपीएम सचिन कौशिक, पीपीएम कोऑर्डिनेटर पीयूष अग्रवाल, पवन कुमार एवं लाभार्थीगण मौजूद रहे।

 

 

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